Supreme Court Order On Equal Pay: उत्तर प्रदेश के 45 हजार से भी अधिक प्रोविंशियल आर्म्ड कांस्टेबलरी (PRD) के जवानों के लिए सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला किसी खुशखबरी से कम नहीं है। देश की सर्वोच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए इन सभी PRD कर्मियों को समान कार्य समान वेतन का सिद्धांत देते हुए बड़ी राहत प्रदान की है। अब इन जवानों को होमगार्ड के समकक्ष दैनिक मजदूरी मिलने का अधिकार प्राप्त हो गया है। सुप्रीम कोर्ट के इस न्यायोचित फैसले से राज्य के तमाम PRD कर्मियों में उत्साह का माहौल देखने को मिल रहा है।
न्यायालय का ऐतिहासिक आदेश
भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश के PRD जवानों को लेकर एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है जिससे इन कर्मियों को काफी संतुष्टि मिली है। इस निर्णय के अंतर्गत अब सभी PRD कर्मियों को होमगार्ड के बराबर ही दैनिक आधार पर मजदूरी प्राप्त होगी। सुप्रीम कोर्ट के इस न्यायसंगत आदेश के पश्चात् सभी PRD जवानों में प्रसन्नता की लहर दौड़ गई है। उनका स्पष्ट मत है कि जब हमारी कार्यप्रणाली और दायित्व होमगार्ड के समान ही हैं, तो मजदूरी में भेदभाव क्यों होना चाहिए। अब इन सभी कर्मियों को होमगार्ड के समतुल्य ही वेतन प्राप्त होगा। इससे पूर्व इन जवानों ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अपनी मांग रखी थी कि समान प्रकार के कार्य के लिए उन्हें भी समान वेतन दिया जाना चाहिए।
उच्च न्यायालय के निर्देश को किया निरस्त
जानकारी के अनुसार पहले इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने केवल कुछ चुनिंदा PRD कर्मियों को समान वेतन प्रदान करने का आदेश जारी किया था। परंतु अब सुप्रीम कोर्ट ने उस आदेश को पूर्णतः निरस्त कर दिया है। इलाहाबाद हाई कोर्ट के पूर्व निर्णय में यह स्पष्ट किया गया था कि केवल उन PRD जवानों को समान कार्य समान वेतन का फायदा मिलेगा जिन्होंने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। लेकिन आज सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के उस आदेश को रद्द करते हुए सभी 45 हजार कर्मचारियों के लिए समान वेतन की व्यवस्था का निर्देश दिया है।
उल्लेखनीय है कि PRD के ये जवान होमगार्ड एक्ट के अस्तित्व में आने से काफी पहले से अपनी सेवाएं दे रहे हैं। उत्तराखंड एवं उत्तर प्रदेश के PRD कर्मियों ने समान वेतन की मांग को लेकर नैनीताल और इलाहाबाद उच्च न्यायालय से संपर्क किया था। इनकी दलील थी कि जब होमगार्ड और PRD जवानों की जिम्मेदारियां समान प्रकार की हैं तो उनके वेतन में भी कोई असमानता नहीं होनी चाहिए। इस निर्णय के विरोध में उत्तर प्रदेश की राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था, फिर भी सर्वोच्च न्यायालय ने सभी जवानों के पक्ष में अपना अंतिम फैसला सुनाया है।
PRD कर्मियों को प्राप्त होने वाला मानदेय
जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश में PRD के जवानों को प्रतिदिन ड्यूटी के आधार पर 395 रुपए का भुगतान किया जा रहा था। इस हिसाब से उन्हें महीने भर में लगभग 12 हजार रुपए की राशि प्राप्त हो रही थी। इस वर्ष जनवरी महीने में उत्तर प्रदेश की राज्य सरकार द्वारा PRD जवानों के मानदेय में वृद्धि करते हुए इसे 395 रुपए से बढ़ाकर 500 रुपए प्रतिदिन कर दिया गया था। लेकिन PRD के ये कर्मचारी होमगार्ड के बराबर मानदेय दिए जाने की लगातार मांग कर रहे थे। वर्तमान में उत्तर प्रदेश के होमगार्ड कर्मियों को 18 हजार रुपए से लेकर 20 हजार रुपए तक का मासिक मानदेय प्रदान किया जाता है। अब राज्य के सभी PRD जवानों को भी उतना ही मानदेय प्राप्त होने की संभावना है।
संविदा कर्मचारियों के लिए आशा की नई किरण
सुप्रीम कोर्ट द्वारा PRD जवानों के संदर्भ में दिए गए इस महत्वपूर्ण फैसले के बाद प्रदेश के अन्य संविदा कर्मचारियों के बीच भी आशा की एक नई लहर दौड़ गई है। इसी प्रकार के मामलों में काम कर रहे विभिन्न संविदा कर्मी भी भविष्य में इस तरह के लाभ की उम्मीद कर सकते हैं। हालांकि फिलहाल यह निर्णय विशेष रूप से PRD जवानों के लिए दिया गया है जिसके अंतर्गत इन कर्मियों को होमगार्ड के समकक्ष वेतन प्रदान करने का स्पष्ट आदेश जारी किया गया है। यह फैसला न्याय व्यवस्था में समानता के सिद्धांत को और भी मजबूत बनाता है।
