Instagram-Facebook Or TikTok Ban: आधुनिक युग में सामाजिक मीडिया प्लेटफॉर्म हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन गए हैं, परंतु विश्व भर के अनेक देशों में इन प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध लगाने का सिलसिला तेजी से बढ़ रहा है। टिकटॉक, फेसबुक, इंस्टाग्राम जैसे लोकप्रिय सामाजिक मंच अब राष्ट्रीय सुरक्षा और सामाजिक शांति के लिए चुनौती बनते जा रहे हैं।
अमेरिका में टिकटॉक प्रतिबंध
हाल ही में अमेरिका ने टिकटॉक पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। जनवरी 2025 में टिकटॉक ने स्वयं ही अमेरिकी उपयोगकर्ताओं के लिए अपनी सेवाएं बंद कर दीं। यह निर्णय चीनी कंपनी बाइटडांस के साथ इसके संबंधों को लेकर बढ़ती चिंताओं के कारण लिया गया है। अमेरिकी सरकार का मानना है कि टिकटॉक के माध्यम से चीन अमेरिकी नागरिकों की निजी जानकारी एकत्र कर सकता है।
विश्वव्यापी प्रतिबंध की स्थिति
केवल अमेरिका ही नहीं, बल्कि विश्व के तेईस से अधिक देशों ने टिकटॉक पर विभिन्न प्रकार के प्रतिबंध लगाए हैं। नेपाल ने 2023 के अंत में टिकटॉक पर प्रतिबंध लगाया था, जिसका कारण बताया गया था कि यह एप्लिकेशन “सामाजिक सामंजस्य को बिगाड़ने वाली सामग्री साझा करने के लिए लगातार उपयोग किया जा रहा था।” इसी प्रकार जॉर्डन में भी पुलिस अधिकारी की मृत्यु के बाद हुए प्रदर्शनों के दौरान टिकटॉक को अस्थायी रूप से प्रतिबंधित किया गया था।
ऑस्ट्रेलिया की कठोर नीति
ऑस्ट्रेलिया ने एक अनूठा कदम उठाते हुए सोलह वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए सामाजिक मीडिया प्लेटफॉर्म पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। यह प्रतिबंध 2025 के अंत तक पूरी तरह से लागू हो जाएगा और इसमें टिकटॉक, स्नैपचैट, इंस्टाग्राम, फेसबुक और एक्स (पूर्व में ट्विटर) सभी शामिल हैं।
सुरक्षा चिंताओं के मूल कारण
इन प्रतिबंधों के पीछे मुख्य कारण राष्ट्रीय सुरक्षा, व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा, और सामाजिक शांति का संरक्षण है। सरकारों का मानना है कि विदेशी कंपनियों के स्वामित्व वाले ये प्लेटफॉर्म जासूसी के लिए उपयोग किए जा सकते हैं। विशेषकर चीनी कंपनियों के मामले में यह चिंता और भी गहरी है क्योंकि चीन की राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी नीतियां अन्य देशों से भिन्न हैं।
बच्चों की सुरक्षा की बढ़ती चिंता
एक अन्य महत्वपूर्ण कारण बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य और विकास पर सामाजिक मीडिया का प्रभाव है। अनेक देशों में यह देखा गया है कि बच्चे इन प्लेटफॉर्म पर अनुचित सामग्री के संपर्क में आते हैं, जो उनके व्यक्तित्व विकास पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। साइबर बुलिंग, अवसाद, और सामाजिक दबाव की समस्याएं भी इन प्लेटफॉर्म के कारण बढ़ रही हैं।
भविष्य की चुनौतियां
इन प्रतिबंधों के बावजूद, सामाजिक मीडिया की लोकप्रियता कम नहीं हो रही है। टिकटॉक के प्रतिबंधित होने पर उपयोगकर्ता अन्य प्लेटफॉर्म जैसे इंस्टाग्राम रील्स और यूट्यूब शॉर्ट्स की ओर रुख कर रहे हैं। इससे यह प्रश्न उठता है कि क्या केवल प्रतिबंध लगाना समस्या का समाधान है या फिर बेहतर नियंत्रण और निगरानी की आवश्यकता है।
सामाजिक मीडिया प्रतिबंध का यह सिलसिला दर्शाता है कि डिजिटल युग में राष्ट्रीय सुरक्षा और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के बीच संतुलन बनाना कितना जटिल है। जबकि सरकारें अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए चिंतित हैं, वहीं उपयोगकर्ता अपनी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता चाहते हैं। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि विश्व के अन्य देश इस मुद्दे पर क्या रुख अपनाते हैं और क्या कोई मध्यम मार्ग निकाला जा सकता है।